Thursday, November 13, 2008

वो नज़्म और तेरी उन आँखों का पानी

My first try at writing something substantial in hindi...
Based on a true story!!!!
but dont mistake me for a sad love failed loner... ha ha ha... its just the way it came out for me.


वो नज़्म और तेरी उन आँखों का पानी
याद आ गयी आज मुझको तेरी कहानी
हथेली में मेरे था तेरा लाल कंगन
कहा था जो मैंने "ये है जन्मों का बंधन "

वो लम्बी सी राहों में दिन भर का चलना
वो छुप छुप के महफिल में नज़रों का मिलना
वो चाय की चुस्की पर मीठी सी बातें
मुझे मिलने आया आज मेरा वो माजी
वो नज़्म और तेरी उन आँखों का पानी
याद आ गयी आज मुझको तेरी कहानी

मेरी रुखसती पर तेरे दो बूँद आंसू
लफ्जों में लिपटे बेवफाई के आंसू
कहा था तुम्हे "कभी तुम न रोना "
तो तोहफा दिए तुने मुझे वोही आंसू
वो नज़्म और तेरी उन आँखों का पानी
याद आ गयी आज मुझको तेरी कहानी

ख्वाब था तू , ये दिलासा है मुझको
मगर आज दिल को फिर से फुर्सत मिली है
सर्दी की रातों में अकेले ठिठुरना
ज़रुरत का कम्बल या तेरी कमी है
वो नज़्म और तेरी उन आँखों का पानी
याद आ गयी आज मुझको तेरी कहानी

1 comment:

  1. superb yar! loved it..sachhi kahani nahi to aur bhi tajjub ki baat hai..kya feelings nikal ke aayi hain ;)

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